जिन-जिन एजेंसियों ने नतीजे निकाले थे उनमें से मात्र एक एजेंसी के आंकड़े ही कुछ हद तक ठीक साबित हुए। बाकी सभी एजेंसियों के आंकड़ें पूरी तरह से गलत साबित हुए। जिस एजेंसी ने चुनाव में एनडीए को बहुमत दिया था वो उससे भी आगे निकल गई।

बिहार चुनाव के एक्जिट पोल के लिए जिन-जिन एजेंसियों ने नतीजे निकाले थे उनमें से मात्र एक एजेंसी के आंकड़े ही कुछ हद तक ठीक साबित हुए। बाकी सभी एजेंसियों के आंकड़ें फिलहाल पूरी तरह से गलत साबित हुए। एक बात ये भी है कि जिस एजेंसी ने चुनाव में एनडीए को बहुमत दिया था वो उससे भी आगे निकल गई।

एनडीए और आरजेडी के बीच ही सीधा मुकाबला 

ये बताया गया था कि इस बार के चुनाव में एनडीए और आरजेडी के बीच ही सीधा मुकाबला है। 5 एजेंसियों के एक्जिट पोल के नतीजों की तुलना की गई जिसमें से 4 एजेंसियों ने आरजेडी को बहुमत दिया था। एनडीए को दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बताया था। मगर मंगलवार को जब वोटों की गिनती शुरू हुई उसके बाद सबसे पहले मिले रूझानों में एनडीए को बहुमत मिला हुआ दिखाई दिया। इसके बाद ये तय हो गया कि यदि ये रूझान भी पूरी तरह से रिजल्ट में नहीं बदले तब भी बिहार में सरकार तो एनडीए ही बनाएगी।

इंडिया टीवी ने एनडीए को 90 से 110, महागठबंधन को 103-120, आज तक ने एनडीए को 69-91, महागठबंधन को 139-161, रिपब्लिक ने एनडीए को 91-119, महागठबंधन को 116-138, न्यूज24 ने एनडीए को 91-119, महागठबंधन को 116-138, एबीपी न्यूज ने एनडीए को 104-128, महागठबंधन को 108-131 सीटें जीतने का अनुमान लगाया था। इसमें रिपब्लिक और न्यूज24 दोनों की तरफ से बराबर-बराबर सीटें दी गई थीं। एबीपी न्यूज ने ही एनडीए को बहुमत से अधिक सीटें मिलने का अनुमान बताया था जबकि वो उससे कहीं आगे निकल गया।

2015 का एक्जिट पोल भी साबित हुआ था गलत  

इससे पहले भी जब साल 2015 में एक्जिट पोल के जरिए नतीजों की घोषणा की गई थी वो वो भी पूरी तरह से गलत साबित हो गए थे। 2015 के विधानसभा चुनाव में तमाम एग्जिट पोल धाराशायी हो गए थे, ठीक उसी तरह 2020 के विधानसभा चुनाव के अनुमान का परिणाम भी उलटा हो गया। साल 2015 के चुनाव में तब भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ 53 सीटें मिली थीं, जबकि एग्जिट पोल में भारी-भरकम दावे में भाजपा के खाते में तमाम न्‍यूज चैनलों और सर्वे एजेंसियों ने काफी सीटें दी थीं। बीजेपी को आज तक- इंडिया टूडे ने 120, एबीपी न्‍यूज ने 130, टूडे चाणक्‍या ने 155, टाइम्‍स नाऊ ने 111 सीटों पर जीत का अनुमान लगाया था।

महागठबंधन को दिखाई थी बढ़त, गलत निकला अंदाजा 

जदयू और भाजपा की बात करें तो वे एक्जिट पोल की संभावनाओं को खारिज करते हुए फिर से सरकार बनाने का दम भर रहे हैं। वहीं राजद-कांग्रेस और वाम मोर्चा का महागठबंधन सरकार बनाने को लेकर पूरी तरह आश्‍वस्‍त दिख रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में किसी ने अपने एक्जिट पोल में यह नहीं बताया कि एनडीए को भारी बहुमत मिल रहा है। लेकिन, एनडीए ने प्रचंड बहुमत प्राप्त किया।  इस बार के एक्जिट पोल के नतीजों की बात करें तो सभी न्‍यूज चैनलों और सर्वे एजेंसियों ने तेजस्‍वी यादव की अगुआई वाले महागठबंधन की बढ़त दिखाई है। हालांकि नीतीश कुमार की अगुआई वाला एनडीए भी रेस में बना हुआ बताया था। अनुमानित आंकड़ों में दोनों गठबंधनों के बीच 10-20 सीटों का फासला दिखाया गया था। ऐसे में अनुमान से बेहतर परिणाम की उम्‍मीद दोनों खेमे में की जा रही थी। मतगणना के रूझानों में ये चीजें देखने को भी मिली। अब मिले रूझानों को देखकर ऐसा लग रहा है कि एनडीए की सरकार ने पिछले 15 वर्षों में जो काम किया है, उससे सरकार के प्रति बिहार की जनता का विश्वास बढ़ा है। उसी का परिणाम सामने आ रहा है।

एनडीए में भाजपा, जदयू, हम और वीआइपी, महागठबंधन में राजद के साथ कांग्रेस 

इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन में भाजपा के साथ जदयू, हम, वीआइपी पार्टी शामिल है। ऐसे में एग्जिट पोल की टैली में भाजपा+, राजद और कांग्रेस को जोड़कर महागठबंधन व लोजपा, जन अधिकार पार्टी, एआईएमआईएम, रालोसपा समेत दूसरी पार्टियों को अन्‍य की श्रेणी में रखा गया है।

बिहार में 243 सीटों पर 3 चरणों में हुआ चुनाव 

बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए तीन चरणों में चुनाव हुआ है। प्रथम चरण में 28 अक्‍टूबर, दूसरे चरण में 3 नवंबर और तीसरे व अंतिम चरण में 7 नवंबर को वोट डाले गए हैं। इस चुनाव में भाजपा, जदयू, हम और वीआइपी साथ-साथ एनडीए गठबंधन की ओर से चुनाव लड़े हैं। जबकि राजद, कांग्रेस और वाम मोर्चा ने साथ मिलकर महागठबंधन बनाया है। इस चुनाव में राजद नेता तेजस्‍वी यादव की ओर से सरकार में आने पर 10 लाख नौकरी देने का वादा किया गया है। यह चुनावी अपेक्षा पूरे इलेक्‍शन में सबसे अधिक चर्चा में रहा।

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