मुंबई पुलिस ने अप्रत्याशित कार्रवाई करते हुए बुधवार सुबह वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी को उनके आवास से हिरासत में ले लिया। अर्नब को पुलिस ने दो साल पुराने इंटीरियर डिज़ाइनर सुसाइड केस के सिलसिले में गिरफ़्तार किया है। टीआरपी स्कैम को लेकर पहले ही सुर्ख़ियों में रहे अर्नब के ख़िलाफ़ मुंबई पुलिस की इस कार्रवाई से सोशल मीडिया में हंगामा मचा हुआ है। बॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ भी इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसी क्रम में कंगना रनोट ने महाराष्ट्र सरकार पर तीख़ा हमला किया।
कंगना ने अर्नब के घर से हिरासत में लेने का वीडियो सार्वजनिक होने के कुछ देर बाद ही एक वीडियो के ज़रिए महाराष्ट्र सरकार को घेरा। कंगना वीडियो में कहती हैं कि मैं महाराष्ट्र सरकार से यह कहना चाहती हूं कि आज मुंबई पुलिस ने अर्नब गोस्वामी को उनके घर में जाकर मारा है। उनके बाल नोचे हैं। उन पर हमला किया है। कितने घर तोड़ेंगे आप। कितने गले दबाएंगे आप। कितने मुंह बंद करेंगे आप। यह मुंह बढ़ते ही जाएंगे। कितने शहीदों को फ्री स्पीच के लिए गले काटे गये हैं। एक आवाज़ बंद करेंगे, कई उठ जाएंगी। कितनी आवाज़ें बंद करेंगे आh?
Message for Maharashtra government @republic #Arnab #ArnabWeAreWithYou #ArnabGoswami pic.twitter.com/AJizRCitS7
— Kangana Ranaut (Modi Ka Parivar) (@KanganaTeam) November 4, 2020
कंगना ने इससे पहले रिपब्लिक टीवी के ट्वीट को रीट्वीट करके लिखा- पप्पूप्रो को गुस्सा क्यों आता है? पेंगुइंस को गुस्सा क्यों आता है? सोनिया सेना को गुस्सा क्यों आता है? अर्नब सर, फ्री स्पीच के लिए उन्हें आपके बाल खींचने दीजिए, हमला करने दीजिए। कितने महान लोग हमसे पहले चेहरे पर मुस्कान लिए फांसी पर लटक गये। आज़ादी का क़र्ज़ चुकाना है।
बता दें, कंगना रनोट सोशल मीडिया में काफ़ी मुखर हैं और अक्सर मुद्दों पर बोलती रही हैं। कंगना ने महाराष्ट्र सरकार के ख़िलाफ़ पहली बार तब बोला था, जब बीएमसी ने उनके ऑफ़िस में अवैध निर्माण के आरोप को लेकर शिकायत की थी। इससे पहले शिव सेना सांसद संजय राउत के साथ भी कंगना की ज़ुबानी जंग काफ़ी चर्चित रही थी।
फ़िल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री ने अर्नब की गिरफ़्तारी का वीडियो शेयर करते हुए कथित अर्बन नक्सलों पर तंज कसते हुए लिखा- यह वीडियो कथित लिबरल्स और सेक्युलर्स के दोगलेपन पर करारा तमाचा है। इसी तरह अर्बन नक्सल धीरे-धीरे वो सब छीन लेंगे, जो आपका है। गीतकार नीलेश मिश्रा ने अर्नब की इस तरह गिरफ़्तारी की निंदा करते हुए लिखा- मैं अर्नब गोस्वामी की गिरफ़्तारी और तरीक़े की भर्त्सना करता हूं। मैं इससे ‘यद्यपि’ लगाकार ठीक नहीं करना चाहूं। यह दाएं-बाएं करने की बात होगी। इस पर समान रूप से आवाज़ उठनी चाहिए। नीलेश के इस ट्वीट को रीट्वीट करके अनुभव ने लिखा- मेरी समझ में नहीं आया। क्यों? क्या तरीक़ा है? आप एसओपी पर सवाल उठा रहे हैं? या उन्होंने ग़ैरक़ानूनी काम किया है? या आरोप ग़लत या नाकाफ़ी हैं? कृपया, मुझे बताएं।