लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश के हाथरस में हुए सामूह‍िक दुष्‍कर्म मामले की जांच को अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने अपने हाथ में ले ल‍िया है। सीबीआइ अब जल्द ही पूरे मामले में रेगूलर एफआईआर दर्ज करेगी। सीबीआइ प्रकरण से जुड़े सभी दस्तावेज अब पुलिस से  लेगी। केंद्र सरकार की डीओपीटी विभाग के नोटिफिकेशन के बाद सीबीआइ ने हाथरस केस को टेकओवर किया है। अभी तक हाथरस कांड की जांच एसआइटी कर रही थी। योगी सरकार ने हाथरस कांड की जांच के लिए सीबीआई को संस्तुति पत्र भेजा था। हाल ही में इस जांच को पूरा करने के लिए यूपी सरकार ने 10 दिनों का और वक्त दिया था, ताकि सच सामने आ सके। लेक‍ि‍न इस मामले में लगातार बढ़ते पेच की वजह से सरकार ने ये फैसला लिया। अब ये मामला सीबीआइ के पास पहुंच गया है।

तीन अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस केस की जांच सीबीआइ से कराए जाने के आदेश दिए थे। योगी सरकार के इस आदेश के बाद सामूह‍िक दुष्‍कर्म पीड़िता की भाभी ने कहा था कि हम सीबीआइ जांच नहीं चाहते हैं। केस की न्यायिक जांच होनी चाहिए। हम जज की निगरानी में जांच चाहते हैं।

हाथरस कांड की जांच सीबीआइ को सौंपने की मांग को लेकर एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) शीर्ष कोर्ट पहुंचा था। कोर्ट से हाथरस में दलित लड़की के साथ कथित ज्यादती के मामले की जांच सीबीआइ को स्थानांतरित करने का निर्देश देने की अपील की थी। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल कर मामले की जांच सीबीआइ से कराने का आदेश देने का अनुरोध किया था।

माहौल ब‍िगाड़ने की साज‍िश

हाथरस के बूलगढ़ी गांव के बहाने उत्तर प्रदेश का माहौल खराब करने में पीएफआइ के बाद अब नक्सल कनेक्शन भी सामने आया है। मृत दलित युवती के घर पर 16 सितंबर के बाद से ही सक्रिय ‘भाभी’ अब गायब हैं। घर में रहकर पीड़ित परिवार को भड़काने के साथ ही मीडिया में काफी बयान देने वाली भाभी अब सीन से गायब हैं। सरकार के विरोध में जमकर बयान देने वाली भाभी की पहचान जबलपुर में पीड़ित परिवार की कथित रिश्तेदार के रूप में हुई है।

हाथरस के बूलगढ़ी गांव के इस केस के बहाने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश का माहौल खराब करने की योजना में एक और बड़ी साजिश सामने आ गई है। यहां पर पीएफआइ की मदद से बड़े दंगों की साजिश में भीम आर्मी के बाद अब नक्सल कनेक्शन भी पता चल गया है। अब एसआईटी की टीम मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली महिला की तलाश में जुटी है। पुलिस के मुताबिक यह फर्जी रिश्तेदार पीड़ित स्वजन को लगातार गाइड कर रही थी कि मीडिया में क्या बयान देना है!