देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू होते ही राम भक्तों ने उसके लिए चंदा जुटाना शुरू कर दिया है। वहीं, कई जगहों पर चंदे को लेकर सवाल उठाए गए, यहां तक की अब जो चंदा नहीं दे रहे हैं, उनको चिह्नित करने तक की बात सामने आ रही है। कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने येदियुरप्पा सरकार पर हमला किया और आरएसएस की तुलना नाजी पार्टी से करते हुए कहा कि वे उन घरों को चिह्नित कर रहे हैं जो राम मंदिर के लिए पैसे नहीं दे रहे हैं।

ट्वीट्स करते हुए जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने भाजपा पर हमला किया, उन्होंने कहा कि पार्टी ने एक ऐसी स्थिति पैदा कर दी है, जहां कोई भी अपनी भावनाओं को साझा नहीं कर सकता।

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि राम मंदिर के निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा करने वाले अलग से पैसे देने वालों और न देने वालों के घरों को चिह्नित कर रहे हैं। यह हिटलर के शासन के दौरान जर्मनी में नाजियों द्वारा किए गए के समान है जब लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।’

उन्होंने आगे कहा, ‘ऐसी स्थिति बनाई गई है जहां कोई भी अपनी भावनाओं को साझा नहीं कर सकता है। मुझे नहीं पता कि अगर मीडिया आने वाले दिनों में सरकार के विचारों को लेकर क्या रुख रखता है। ऐसी स्थिति में यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि आम आदमी की किस्मत क्या होगी।’

शिवमोग्गा में एक कार्यक्रम में मीडिया से बात करते हुए, कुमारस्वामी ने आरएसएस पर सीधा हमला किया और कहा, ‘राम मंदिर निधि अभियान के स्वयंसेवकों ने पैसा इकट्ठा किया, उन घरों के नाम लिखे, जिन्होंने पैसे देने से इनकार किया। मेरे सूत्रों के अनुसार, वे घरों के नाम चिह्नित कर रहे हैं। आज तक किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया लेकिन मुझे नहीं पता कि वे नामों को चिह्नित क्यों कर रहे हैं। जर्मनी में नाजियों ने जैसा किया वैसा ही आरएसएस कर रहा है।’

आरएसएस ने हालांकि, आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि वे किसी भी प्रतिक्रिया के लिए योग्य नहीं हैं। इतिहासकारों का हवाला देते हुए, कुमारस्वामी ने दावा किया कि आरएसएस ने उसी समय जन्म लिया जब जर्मनी में नाजी पार्टी की स्थापना हुई थी। उन्होंने दावा किया कि देश में अघोषित आपातकाल है क्योंकि लोग अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से व्यक्त नहीं कर सकते हैं।