विनिवेश के लक्ष्यों को हासिल करने में क्यों नाकाम हो रही है सरकार

साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ‘कारोबार चलाना सरकार का काम नहीं है.’

इसके साथ ही यह तय हो गया था कि 2004 में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार के वक्त शुरू किए गए विनिवेश के सफर पर 10 साल बाद फिर से बीजेपी की अगुवाई में बनी केंद्र सरकार पूरे ज़ोर-शोर से आगे बढ़ने वाली है.

वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विनिवेश के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपये की कमाई का टारगेट रखा है. सरकार को उम्मीद है कि वह न सिर्फ़ इस लक्ष्य को हासिल कर लेगी, बल्कि उसे टारगेट से अधिक कमाई होगी.

बजट में ही सरकारी सेक्टर की जीवन बीमा कंपनी एलआईसी का आईपीओ लाने का भी ऐलान किया गया है. इसके अलावा, निर्मला सीतारमण ने बीपीसीएल, एयर इंडिया, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन, आईडीबीआई बैंक, बीईएमएल जैसी कंपनियों में स्ट्रैटेजिक डिसइनवेस्टमेंट को भी 2021-22 के दौरान पूरा कर लेने की बात कही है.

इसके अलावा, पब्लिक सेक्टर के दो बैंकों में भी अगले वित्त वर्ष में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचेगी.