उन्होंने रविवार को यह स्वीकार किया कि ‘उन्होंने देश में सरकारी टीकाकरण अभियान शुरू होने से पहले और क्लीनिकल ट्रायल के बाहर, ख़ुद को कोरोना का टीका लगवाया.’ एलीज़ाबेथ के अनुसार, उन्होंने जनवरी में चीनी कंपनी सिनोफ़ार्मा की वैक्सीन लगवाई थी.
इससे एक दिन पहले, राष्ट्रपति फ़्रैनसिस्को सागस्ती ने स्वास्थ्य मंत्री पिलार माज़ेटी का इस्तीफ़ा मंज़ूर कर लिया था. माज़ेटी ने अपना इस्तीफ़ा तब दिया, जब पूर्व राष्ट्रपति मार्टिन विज़कारा के वक़्त से पहले वैक्सीन लगवा लेने को लेकर विवाद खड़ा हुआ.
मार्टिन विज़कारा को नवंबर में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते अपना पद छोड़ना पड़ा था. ताज़ा वैक्सीन विवाद पर उन्होंने कहा है कि ‘टीका लगवाने के लिए उन्होंने कोई लाइन नहीं तोड़ी है, बल्कि ट्रायल में शामिल होकर उन्होंने यह टीका लगवाया.’
हालांकि, स्थानीय मीडिया ने उनके इस दावे पर सवाल खड़े किये हैं. एलिज़ाबेथ एस्टेटे ने पिछले साल नवंबर में विदेश मंत्री का पद संभाला था.
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उन्होंने इस्तीफ़ा देने के बाद कहा कि “मुझे 22 जनवरी को टीका लगा था. यह टीका मैंने पेरू की एक यूनिवर्सिटी के ऑफ़र पर लगवाया जो पेरू में चीनी कंपनी सिनोफ़ार्मा के ट्रायल की इंचार्ज है. ये टीका बचे हुए टीकों से लगवाया गया था.”
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “मुझे पता है कि मैंने बहुत बड़ी ग़लती की है, इसलिए मैंने वैक्सीन की दूसरी डोज़ नहीं ली. लेकिन इस ग़लती के लिए मैंने अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है.”
पेरू की सरकार ने जनवरी 2021 की शुरुआत में सिनोफ़ार्मा से कोविड वैक्सीन की क़रीब तीन करोड़ 80 लाख डोज़ ख़रीदने की घोषणा की थी.
एक सप्ताह पहले ही पेरू को सिनोफ़ार्मा से तीन लाख डोज़ मिली हैं और इसी सप्ताह, मंगलवार को पेरू में आधिकारिक तौर पर टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई है.
सरकारी डेटा के अनुसार, पेरू में कोविड-19 की वजह से क़रीब 44 हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है.