महाराष्ट्र के राज्यपाल को सरकारी विमान से क्यों नीचे उतरना पड़ा; किसने क्या कहा

महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को राजकीय विमान से यात्रा करने की अनुमति प्रदान करने से इनकार कर दिया। कोश्यारी को मुंबई से देहरादून जाना था और वह विमान में बैठ भी गए थे, लेकिन इजाजत नहीं मिलने पर उन्हें विमान से उतरना पड़ा और वाणिज्यिक विमान से यात्रा करनी पड़ी। राजभवन की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, राज्यपाल के सचिवालय ने राजकीय विमान के इस्तेमाल की इजाजत के लिए काफी पहले दो फरवरी को अधिकारियों को पत्र लिखा था। इस बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय को भी सूचित किया गया था। शुक्रवार को राज्यपाल को उत्तराखंड में मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में एक कार्यक्रम की अध्यक्षता करनी है। वह देहरादून से मसूरी पहुंचेंगे। इसके लिए उन्हें गुरुवार सुबह 10 बजे मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना होना था।

राज्यपाल निर्धारित समय पर हवाई अड्डे पर पहुंचकर विमान में सवार हो गए, लेकिन बाद में उन्हें सूचित किया गया कि राजकीय विमान के इस्तेमाल की अनुमति प्राप्त नहीं हुई है। इसके बाद राज्यपाल ने वाणिज्यिक उड़ान में टिकट बुक करने के निर्देश दिए और फिर वह 12.15 बजे वाणिज्यिक उड़ान से देहरादून के लिए रवाना हुए। इस बारे में पूछे जाने पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने पत्रकारों को बताया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। वह जानकारी हासिल करने के बाद ही इस मामले पर कोई टिप्पणी कर सकेंगे।

महाराष्ट्र के इतिहास का काला दिन: देवेंद्र फड़नवीस

मुंबई, एजेंसियां : राज्यपाल को राजकीय विमान के इस्तेमाल की अनुमति नहीं देने के लिए महाराष्ट्र सरकार को अहंकारी करार देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि यह राज्य के इतिहास का काला दिन है। फड़नवीस ने कहा, ‘यह बहुत गलत है क्योंकि वह महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। संविधान के मुताबिक, राज्यपाल को मुख्यमंत्री और राज्य के मंत्रियों की नियुक्ति करने का अधिकार है। अगर राज्यपाल राज्य की विमान सेवा का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया है। इसके लिए राज्यपाल को अनुरोध पत्र भेजना होता है और इस मामले में ऐसा किया भी गया था। यह अनुरोध पत्र मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के पास जाता है, लेकिन राज्यपाल को जानबूझकर अनुमति देने से इन्कार किया गया।’ उन्होंने कहा, ‘मैं महाराष्ट्र सरकार को बताना चाहता हूं कि राज्य के विमान निजी संपत्ति नहीं हैं।’ उन्होंने इसे बच्चों जैसी हरकत बताते हुए कहा कि सरकार ने राज्यपाल के संवैधानिक पद का अपमान किया है।