राज्यसभा में शुक्रवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कांग्रेस और विपक्ष पर जमकर बरसे। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसानों को नए कृषि कानूनों के खिलाफ बरगलाया जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि दुनिया जानती है कि पानी से खेती होती है। खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है। भारतीय जनता पार्टी खून से खेती नहीं कर सकती। किसान संगठन और विपक्षी दल नए कृषि कानूनों में एक भी खामी बताने में विफल रहे हैं।

कृषि मंत्री ने कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन के विपक्ष के दावों को खारिज करते हुए कहा कि कानूनों के खिलाफ विरोध केवल एक राज्य तक सीमित है। किसानों को बहकाया जा रहा है। मोदी सरकार गांव, गरीब और किसान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और आने वाले कल में भी रहेगी। नए कानून का उद्देश्य किसानों का आय बढ़ाना है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कृषि कानूनों में कोई खामी है।

एक राज्य के लोग गलतफहमी का शिकार

कृषि मंत्री ने आगे कहा कि एक राज्य के लोग गलतफहमी का शिकार हैं। किसानों को इस बात के लिए बरगलाया गया है कि इन कानूनों के चलते आपकी जमीन छीन जाएगी। उन्होंने यह बात दिल्ली की सीमाओं पर पंजाब के किसानों के नेतृत्व में हो रहे प्रदर्शन को लेकर कही। तोमर ने आगे कहा कि विपक्ष यह आरोप लगाता रहा है कि हम कहते है सबकुछ मोदी सरकार ने किया है, पिछली सरकारों ने कुछ भी नहीं किया। इस तरह का आरोप लगाना उचित नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेंट्रल हॉल में अपने पहले भाषण और 15 अगस्त को भी कहा था कि पूर्व की सरकारों का योगदान देश के विकास में अपने-अपने समय पर रहा है।

आश्चर्य है कि विरोध प्रदर्शन टैक्स खत्म करने के खिलाफ हो रहा
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि राज्य सरकार के अधिसूचित बाजारों के विपरीत ये कानून किसानों को ‘मंडियों’ के बाहर अपनी उपज बेचने के लिए विकल्प देते हैं। बिक्री में कोई भी कर नहीं लगेगा। आंदोलन मंडी में की गई बिक्री पर लगाए गए कर (राज्य सरकार द्वारा) के खिलाफ होना चाहिए था, लेकिन आश्चर्य की बात है कि विरोध प्रदर्शन टैक्स खत्म करने के खिलाफ हो रहा है।