छोटे दुकानदारों से कार्यपद्धति सीखेगा गुजरात प्रशासन

गुजरात सरकार प्रशासनिक सुधार के लिए कई परिवर्तन कर रही है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सचिव स्तर के अधिकारियों को यह निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने कार्यालय पर “काम सिवाय बेसवु नही” अर्थात काम के बिना यहां नहीं बैठें। दरअसल, गुजरात भर में छोटे दुकानदार भी अपनी दुकान के बाहर ऐसी पट्टी को लगाकर रखते हैं, ताकि बेकार लोग आकर उनका समय बर्बाद नहीं करें। काम सिवाय बेसवु नहीं का मूल मंत्र राज्य प्रशासन अपने प्रदेश के इन छोटे दुकानदारों से सीख रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग ने कोरोना महामारी के दौरान प्रशासनिक कार्यों को सरलता से निपटाने तथा विभाग के आला अधिकारियों तक सूचना वह जानकारियों के आदान-प्रदान के लिए डिजिटल माध्यम का उपयोग करने की सलाह दी है। आला अधिकारियों के साथ चर्चा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस को भी एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल करने की सूचना दी गई है। साथ ही, यह भी कहा है कि अपने-अपने कार्यालय में दुकानदारों की तरह वह भी काम सिवाय बेसवु नहीं, की पट्टीका लगवा लें।

वित्त विभाग के जोशी से सब परेशान

गुजरात के वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज जोशी को लेकर गुजरात के सभी विभागों के आला अधिकारी परेशान हैं। सचिव स्तर के अधिकारी वित्त विभाग के इस अफसर के पास अपनी योजना वह प्रोजेक्ट लेकर जाते हैं लेकिन धना भाव के कारण पंकज जोशी उन्हें अपनी योजना व प्रोजेक्ट को फिलहाल ठंडे बस्ते में रखने की सलाह देते हैं। कई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक और सरकार डिजिटल इंडिया को प्रोत्साहन दे रही है। दूसरी ओर, विभागों के भवन तथा कार्यालय तैयार होने के बावजूद वहां पर कंप्यूटर लैपटॉप इलेक्ट्रॉनिक साधन लगाने की मंजूरी वित्त विभाग नहीं दे रहा है। कोरोना महामारी के दौरान वित्त विभाग जहां आर्थिक तंगी का हवाला दे रहा है, वही विभागीय अधिकारी चाहते हैं कि कामकाज को सरलता से निपटाने के लिए उन्हें कंप्यूटर लैपटॉप जैसे साधन बस आने की शीघ्र मंजूरी दी जाए।

सुपर कॉप और कांस्टेबल की लव स्टोरी की चर्चा

गुजरात के एक सुपर कॉप की एक महिला कांस्टेबल से आंख लड़ गई। पुलिस बेड़े में आजकल उनके प्यार के किस्से खूब चर्चित हो रहे हैं। गांधीनगर का पुलिस भवन आजकल एक पुलिस अधीक्षक यानि आइपीएस स्तर के अधिकारी के एक महिला कांस्टेबल के साथ प्रेम संबंध को लेकर काफी चर्चा में है। पुलिस भवन से निकलकर यह बात अब सत्ता के गलियारों तक आ गई है। अब देखना यह है कि राज्य के पुलिस बेड़े के कप्तान इस प्रेम प्रसंग को लेकर क्या रुख अख्तियार करते हैं।