छत्तीसगढ़ में हुई अनोखी शादी, एक मंडप में दो दुल्हनों के साथ एक युवक ने लिए सात फेरे

बस्तर जिले के टिकरालोहंगा में रहने वाले एक युवक ने रविवार को दो लड़कियों के साथ एक ही मंडप में एक साथ अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। शादी के निमंत्रण पत्र में दोनों लड़कियों का नाम छपवाया गया। शादी तीनों परिवारों की रजामंदी से हुई है। इस अनोखी शादी में शामिल होने वालों में भी खासा उत्साह था। तीनों एक वर्ष तक लिव-इन रिलेशनशिप में रहे। जनजातीय परंपरा में इसको मान्यता है। समाज ने उनके बीच बेहतर तालमेल को देखते हुए शादी की इजाजत दी।

यहां से करीब 17 किमी दूर बस्तर ब्लाक के टिकरालोंहगा में रहने वाले 24 वर्षीय चंदू मौर्य खेती करते हैं। उनका पहले करंजी की हसीना बघेल और फिर एरंडवाल की सुंदरी कश्यप से प्रेम संबंध स्थापित हुआ। सुंदरी को पता था कि चंदू का प्रेम हसीना से भी चल रहा है और हसीना को भी पता था कि चंदू सुंदरी के साथ रिलेशनशिप में है। सुंदरी के साथ उसके प्रगाढ़ प्रेम की जानकारी हसीना के अलावा तीनों परिवार के लोगों को हो गई।

बात जब विवाह करने की आई तो चंदू ने दोनों लड़कियों के साथ शादी करने का प्रस्ताव परिजनों के समक्ष रखा। उसका कहना है कि वह दोनों से ही दिलो जान से प्रेम करता है और किसी को छोड़ना नहीं चाहता है। लड़कियों के परिजनों ने भी विवाह की मंजूरी दे दी, क्योंकि युवतियों ने एक-दूसरे के साथ रहने की हामी भर दी थी। तीनों एक वर्ष से एकसाथ रह रहे थे। मुरिया जनजाति में बहु विवाह की प्रथा है। भारतीय संवैधानिक और कानूनी व्यवस्था भी जनजाति से जुड़े लोगों को बहु विवाह को मान्यता देती है।

 

मोबाइल में कॉन्फ्रेंस के जरिए होती थी बात

बताया जा रहा है कि शादी के पहले ही चंदू, हसीना और सुंदरी एक साथ बात किया करते थे। तीनों अलग-अलग गांवों के रहने वाले थे। ऐसे में एक साथ बात करने के लिए इन्होंने टेक्नोलॉजी का सहारा लिया। मोबाइल में कॉन्फ्रेस के जरिए बातें करते रहे। इससे एक-दूसरे के बारे में जानने का अवसर भी उन्हें मिला।

तीन जनवरी को हुई शादी

चंदू ने दोनों लड़कियों के साथ शादी करने की इच्छा जाहिर की। तीन परिवार भी इसके लिए राजी हो गए। टिकरालोहंगा में तीन जनवरी को शादी का आयोजन हुआ। चंदू ने दोनों लड़कियों के साथ एक ही मंडप में एक ही साथ सात फेरे लिए। गांव में उसी दिन रिसेप्शन (भोज) का आयोजन भी किया गया। रिसेप्शन में दो दुल्हन और एक दूल्हे के बैठने के लिए स्टेज की व्यवस्था की गई थी। तीनों एक साथ एक ही स्टेज पर बैठे। ग्रामीणों समेत अन्य लोगों से विवाह की बधाई ली।