बिशन सिंह बेदी ने छोड़ी DDCA की सदस्यता, कोटला स्टैंड से भी अपना नाम हटाने को कहा

भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज बिशन सिंह बेदी ने डीडीसीए की सदस्यता छोड़ने के साथ-साथ दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में उनके नाम पर बने स्टैंड से अपना नाम हटवाने का फैसला किया है। इस बात की जानकारी उन्होंने संघ को दे दी है।

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और बाएं हाथ के स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने एक हैरान करने वाला फैसला लिया है। बिशन सिंह बेदी ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) से अपनी सदस्यता खत्म करने को कहा है। साथ ही उन्होंने कहा है कि उनके नाम पर जो दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में स्टैंड है, उससे भी उनका नाम हटना चाहिए। बेदी डीडीसीए के नए अध्यक्ष रोहन जेटली के काम से नाखुश हैं।

पूर्व दिग्गज खिलाड़ी बिशन सिंह बेदी ने कहा है कि वह फिरोजशाह कोटला स्टेडियम(अब अरुण जेटली) के स्टैंड पर से उनका नाम हटा दें। दो साल पहले ही दिल्ली के ऐतिहासिक स्टेडियम में एक स्टैंड का नाम बेदी के नाम पर रखा गया था। 70 के दशक में दिल्ली की टीम को दो बार रणजी ट्रॉफी जिताने वाले बिशन सिंह बेदी ने डीडीसीए की सदस्यता भी छोड़ने का फैसला किया है। उनका समर्थन मदन लाल ने भी किया है।

74 साल के बेदी डीडीसीए के मौजूदा अध्यक्ष रोहन जेटली के कामों से खुश नहीं है। उन्होंने मंगलवार रात को रोहन को पत्र लिखते हुए कहा है, “मुझे अपने आप पर गर्व है कि मैं काफी सहनशील और धैर्यवान व्यक्ति हूं, लेकिन डीडीसीए जिस तरह से चल रही है उसने मेरी परीक्षा ली है और इसी ने मुझे यह(सदस्या छोड़ने और स्टैंड से नाम हटाने) फैसला लेने को मजबूर किया है। इसलिए अध्यक्ष महोदय मैं आपसे अपील करता हूं कि आप मेरा नाम स्टैंड पर से तत्काल प्रभाव से हटा दें। साथ ही मैं अपनी डीडीसीए की सदस्यता त्याग रहा हूं। मैंने यह फैसला जानबूझ कर लिया है।”

बता दें कि रोहन जेटली डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री दिवंगत अरुण जेटली के बेटे हैं। अरुण जेटली के खिलाफ बिशन सिंह बेदी ने 1999 में संघ के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था। संभवत: एक और कारण 2020-21 सीजन में दिल्ली की सीनियर चयन समिति का चयन भी हो सकता है। डीडीसीए ने चयनकर्ता के पद के लिए 60 साल की आयु सीमा रखी है, जिस नियम की वजह से दिल्ली और भारत के पूर्व खिलाड़ी कीर्ति आजाद चयनकर्ता बनने की दौड़ से बाहर हो गए हैं।