राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी ने हाल ही में एलान किया है कि 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के होने वाले चुनाव में वह भी पूरी तैयारी के साथ उतरेगी। आम आदमी पार्टी की घोषणा से सूबे का सियासी पारा चढ़ता दिख रहा है। आम आदमी पार्टी जहां सत्ताधारी भाजपा के निशाने पर है, वहीं दूसरी पार्टियों में भी बेचैनी कम नहीं है।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का स्पष्ट कहना है कि उन्होंने तो उत्तर प्रदेशवासियों की राय पर ही यहां से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। केजरीवाल को उम्मीद है कि न केवल विधानसभा चुनाव में बल्कि राज्य के पंचायत चुनाव में भी उनका प्रदर्शन बेहतर रहेगा। वह कहते हैं कि उनका नहीं, बल्कि प्रदेशवासियों का सपना है कि राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार हो। उत्तर प्रदेश की दुर्दशा पर दुख जताते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक का मानना है कि 70 वर्षों के दौरान यहां सत्ता में रहने वाली पार्टियों की नीयत खराब थी। वह लोग अपने घर ही भरते रहे, जिससे उत्तर प्रदेश पिछड़ता गया। राज्य में न युवाओं के लिए रोजगार के अवसर हैं और न ही बेहतर बुनियादी सुविधाएं। दैनिक जागरण के उत्तर प्रदेश राज्य ब्यूरो प्रमुख अजय जायसवाल से बातचीत के दौरान अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि आम आदमी पार्टी छोटी हो सकती है, लेकिन उसकी नीयत साफ है। अच्छी नीयत से सरकार चलाकर हमने दिल्ली में बहुत कुछ बेहतर करके दिखाया है। उत्तर प्रदेश में भी अच्छा करके दिखाएंगे। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश-

पंचायत चुनाव के माहौल के बीच अचानक विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा?

-दिल्ली में तीसरी बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से ही उत्तर प्रदेश के आम लोगों के अलावा कई सारे संगठन और नेता मुझसे कहने लगे कि दिल्ली की तरह बिजली, पानी, सड़क, नाली, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि बेहतर बुनियादी सुविधाओं के लिए उत्तर प्रदेश में भी आम आदमी पार्टी को चुनाव लड़ना चाहिए। जब मैंने उन लोगों से ही पूछ लिया कि आम आदमी पार्टी तो एक छोटी सी पार्टी है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में चुनाव कैसे लड़ेंगे, पैसा कहां से आएगा, तब उन लोगों का ही जवाब था कि जैसे दिल्ली की जनता ने आप का साथ दिया, वैसे ही उत्तर प्रदेश की जनता भी आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव लड़ेगी।

चुनाव लड़ने के संबंध में क्या कोई सर्वे भी कराया?

-जी, हम लोगों ने उत्तर प्रदेश में सर्वे कराया है। हमने जनता से पूछा कि क्या आम आदमी पार्टी को उत्तर प्रदेश के चुनाव लड़ने। लगभग 23 हजार लोगों से यह प्रश्न पूछा गया। तकरीबन 66 फीसद लोगों ने कहा कि आम आदमी पार्टी को चुनाव लड़ना  चाहिए। इसके बाद ही आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश से चुनाव लडऩे का निर्णय लिया।

दिल्ली और उत्तर प्रदेश की परिस्थितियों में तो हर लिहाज से बहुत अंतर है?

-देखिए, अभी तक उत्तर प्रदेश में राज करने वाली पार्टियों की नीयत ही खराब रही है। उनकी एक ही नीयत थी कि कैसे ज्यादा कमाकर अपने घर को भरें। मेरा तो साफ मानना है कि अगर अच्छी नीयत वाली सरकार हो तो क्या नहीं किया जा सकता है। हमारी सरकार बनने से पहले दिल्ली का भी हाल ठीक नहीं था, क्योंकि पूर्व की सरकारों ने कुछ किया ही नहीं। दिल्ली वालों ने देखा कि हमने पांच वर्ष में किस तरह से स्कूल, अस्पताल, बिजली, जलापूर्ति व्यवस्था कायाकल्प किया। उत्तर प्रदेश में भी हमारी सरकार बनने पर अच्छी नीयत से सारे काम होंगे, जिसके नतीजे भी बेहतर दिखाई देंगे।

उत्तर प्रदेश में तो ग्रामीण क्षेत्र ही ज्यादा है, जिनकी अलग तरह की समस्याएं हैं?

-मुद्दा शहर या गांव का नहीं बल्कि अच्छी नीयत का है। अहंकार के बिना अच्छी नीयत से काम करने वाली सरकार के होने पर शहरों और गांवों, दोनों का विकास होगा। अगर जनता की समस्याओं को सुनकर जनता के साथ मिलकर अच्छी नीयत के साथ काम किया जाए, तो शहर और गांव दोनों की समस्याओं का निपटारा हो सकता है।

आपको पंचायत चुनाव से कैसे नतीजे की उम्मीद है?

-आपको यह बताते हुए सुखद अनुभव हो रहा है कि पंचायत चुनाव की तैयारियों के दौरान हमें उम्मीद ही नहीं थी कि उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी को इतना जबरदस्त समर्थन मिलेगा। हमारे कार्यकर्ता गांव-गांव जा रहे हैं जहां उन्हेंं आम आदमी पार्टी के बारे में अच्छे से जानने वाले मिल रहे हैं। उन्हेंं पता है कि हमारी सरकार दिल्ली में बेहतर काम कर रही है और वे चाहते हैं कि यहां भी वैसे ही काम हों। हालांकि, पहली बार यह चुनाव लडऩे से हमारे सामने भी कुछ विशेष तरह की समस्याएं हैं। उन समस्याओं से आम आदमी पार्टी संघर्ष करेगी। मैं उम्मीद करता हूं कि पंचायत चुनाव में भी अच्छे नतीजे आने चाहिए।

शहरी वर्ग की मानी जाने वाली आम आदमी पार्टी का ग्रामीण विकास का कैसा मॉडल होगा?

-छह साल पहले जब हमने दिल्ली का पहला चुनाव लड़ा था तब आम आदमी पार्टी ने न शहर में और न ही गांव में काम किया था। हमें दिल्ली वालों ने मौका दिया और हमने अच्छा करके दिखाया। अब अगर उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी काम करने का मौका मिलेगा तो वहां भी अच्छा करके दिखाएंगे। मेरा तो यही मानना है कि जो पार्टी शहरों में अच्छा कर सकती है, वह गांव में भी अच्छा करेगी और जो शहर में अच्छा नहीं कर सकती, वह गांव में भी नहीं कर सकती है।

-उत्तर प्रदेश की राजनीति में जातियों का बोलबाला रहा है। आपका क्या मानना है?

-मैं, आपसे बिल्कुल सहमत हूं। उत्तर प्रदेश में एक पार्टी धर्म के नाम पर तो अन्य जातियों पर चुनाव लड़ती हैं। क्या आपने किसी भी पार्टी को यह कहते सुना कि वे जनता को 24 घंटे बिजली देंगे, अच्छे स्कूल और अच्छे अस्पताल बनाएंगे। दरअसल, विकास या अच्छा शासन किसी भी पार्टी के एजेंडे में रहा ही नहीं। भले ही अब तक चुनाव में जाति और धर्म हावी रहा है, लेकिन जब से आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लडऩे का ऐलान किया है, योगी आदित्यनाथ सरकार के सारे मंत्री अपने अच्छे स्कूल, अच्छे अस्पताल होने का दावा कर रहे हैं। मुझे बेहद खुशी है कि स्कूलों और अस्पतालों के ऊपर चर्चा शुरू हो गई है। उम्मीद करता हूं कि अब तो उत्तर प्रदेश का अगला चुनाव जाति-धर्म को छोड़ स्कूल, अस्पताल, बिजली, पानी और जनता के मुद्दों के ऊपर लड़ा जाएगा।

सपा-बसपा के बारे में आपका क्या ख्याल है?

-उत्तर प्रदेश की जनता ने सभी पार्टियों को एक बार मौका दिया है। वह चाहे भारतीय जनता पार्टी हो या फिर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस या बहुजन समाज पार्टी, लेकिन यह बात भी स्पष्ट है कि कोई भी पार्टी उत्तर प्रदेश के निवासियों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है। अपनी-अपनी राजनीति के चक्कर में ये पार्टियां लोगों की आशा और उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाईं।

वाराणसी की जनता ने तो आप पर भी भरोसा नहीं किया?

-जी, हम पहली बार जब वाराणसी से चुनाव लड़े थे, हमने वहां पर एक महीने अभियान चलाया था। यह कहना ठीक नहीं है कि हम पर भरोसा नहीं किया, क्योंकि हम ऐसी पार्टी थे, जिसका उत्तर प्रदेश में कोई अस्तित्व ही नहीं था। वहां पर फिर भी हमने सपा, बसपा, कांग्रेस जैसी बड़ी-बड़ी पाॢटयों को हराया। महीनेभर के प्रचार में ही हमें 2.10 लाख वोट मिले, यह कोई छोटी बात नहीं है। अबकी एक साल पहले से तैयारी करके हर जगह चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए हमें पूरी उम्मीद है कि लोग हमारे साथ खड़े होंगे।

भाजपा का आरोप है कि ‘आप’ सरकार कोरोना से निपटने में विफल रही है?

-भाजपा झूठे आरोप लगा रही है। हमारी सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए देश ही नहीं दुनियाभर में सबसे शानदार प्रबंधन किया। हमारे सामने ढेरों चुनौतियां थीं। देश की राजधानी होने के नाते देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग यहां आए जिससे दिल्ली में कोरोना तेजी से फैला। दिल्ली कोरोना के मुश्किल चरणों से गुजर चुकी है। अब कोरोना नियंत्रित है। दिल्ली ने दुनियाभर को होम आइसोलेशन का मॉडल दिया। प्लाज्मा थेरेपी सहित कई अन्य तकनीक और पद्धतियां दिल्ली के लोगों ने पूरी दुनिया को दी, जिससे सभी को बहुत फायदा हुआ है।

भाजपा यह भी कहती है कि आपने प्रवासियों का आपने ख्याल नहीं रखा। योगी सरकार ने खाने व इलाज का प्रबंध किया?

-मुझे दुख है कि भाजपा इतने संवेदनशील मुद्दे के ऊपर राजनीति कर रही है। दिल्ली सरकार, लॉकडाउन के वक्त प्रतिदिन दस लाख लोगों को लंच और डिनर करवा रही थी। मुझे नहीं लगता कि इतने बड़े स्तर पर कोई भी राज्य प्रवासी मजदूरों के लिए यह कर पा रहा था। हमने कंस्ट्रक्शन वर्कर को पांच हजार रुपये, रिक्शा व टैक्सी चालकों को 10-10 हजार रुपये दिए। सभी की पेंशन दोगुनी की। हमने दो-तीन महीने तक इतनी अच्छी सुविधाएं सभी के लिए करके रखीं, लेकिन कुछ महीनों बाद जैसा हमने देखा कि सिर्फ दिल्ली से ही नहीं, पूरे देश के सभी बड़े शहरों से मजदूर वापस लौट रहे थे, क्योंकि लोगों को अपने घर जाना था और लॉकडाउन में काम न होने की वजह से लोगों को लगा कि गांव जाना ही ठीक होगा। यह सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि भारत के सभी बड़े शहरों से पलायन हुआ। दुख इस बात का है कि कोरोना और प्रवासी जैसे नाजुक विषयों पर भी दूसरी पाॢटयां राजनीति कर रही थी। मैं पहले से कहता आ रहा हूं कि यह एक राष्ट्रीय आपदा है। ऐसी बातों पर राजनीति करना बिल्कुल अच्छी बात नहीं है। यह ऐसा वक्त है, जब पूरे देश को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए।

बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के युवा दिल्ली और मुंबई में रोजगार के लिए जाते हैं। उन्हेंं प्रदेश में ही रोजगार दिलाने का कोई रोडमैप है?

-दुख होता है कि 70 वर्षों में सभी पार्टियों ने यहां राज किया लेकिन युवाओं को आज भी अपने घर, अपने राज्य में नौकरी नहीं मिलती। कारण है कि सभी सरकारों ने विकास व बेरोजगारी के बजाय अपने घर भरने में समय बिताया। कोरोना काल में हमने दिल्ली के 10 लाख से ज्यादा युवाओं को नौकरियां दिलाई। अगर दिल्ली के युवाओं को नौकरियां मिल सकती हैं, तो यूपी के युवाओं को क्यों नहीं दिलाई जा सकती। उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर सभी युवाओं को नौकरी दिलवाई जाएंगी और जब तक उन्हेंं नौकरी नहीं मिलेगी, तब तक बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा।

यूपी में सरकार बनाने को भाजपा नेता आपका सपना बता रहे हैं। क्या उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी?

-यह हमारा सपना नहीं है। उत्तर प्रदेश के लोगों का सपना है कि राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार बननी चाहिए। अब कोई कुछ भी कहे लेकिन हमें पूरा यकीन है कि उत्तर प्रदेश के लोगों का सपना जरूर पूरा होगा।

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