राजकोट कोविड अस्पताल में आग की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, केंद्र ने कहा- सरकारी अस्पतालों के लिए जारी करेंगे अग्नि सुरक्षा निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने राजकोट में कोविड-19 अस्पताल में गुरुवार को आग लगने की घटना पर संज्ञान लिया और इस मामले में गुजरात सरकार से रिपोर्ट मांगी. इस घटना में कई मरीजों की मौत हो गयी है. केंद्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ को आश्वस्त किया कि केंद्रीय गृह सचिव शनिवार तक बैठक आयोजित करेंगे और देश भर के सरकारी अस्पतालों के लिए अग्नि सुरक्षा निर्देश जारी करेंगे.
गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि आनंद बंगलो चौक इलाके में चार मंजिला उदय शिवानंद अस्पताल की पहली मंजिल पर आईसीयू वार्ड में देर रात करीब साढ़े 12 बजे आग लग गयी. वहां पर कोरोना वायरस से संक्रमित 31 मरीजों का उपचार चल रहा था. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने घटना पर दुख प्रकट किया और इसकी जांच के आदेश दे दिये हैं. उन्होंने मृतकों के परिजन को चार-चार लाख रुपये बतौर मुआवजा देने की घोषणा भी की है.
राजकोट के पुलिस आयुक्त मनोज अग्रवाल ने कहा, ”आग लगने से आईसीयू में भर्ती 11 मरीजों में से पांच मरीजों की जान चली गयी. आग के बाकी मंजिलों पर फैलने से पहले ही उस पर काबू पा लिया गया.” पटेल ने कहा कि आईसीयू वार्ड में आग लग गयी और दमकल विभाग ने करीब आधे घंटे में ही इस पर काबू पा लिया. कोरोना वायरस से संक्रमित तीन मरीजों की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि अन्य दो ने उस समय दम तोड़ दिया, जब उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाया जा रहा था.
पटेल ने कहा, ”हादसे में कोई और घायल नहीं हुआ है. बाकी 26 मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.” उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच से प्रतीत होता है कि एक वेंटिलेटर में शॉर्ट-सर्किट की वजह से आग लगी. निजी अस्पताल के पास दमकल विभाग की एनओसी थी. साथ ही सभी अग्निशमन उपकरण अस्पताल में मौजूद थे. मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एके राकेश मामले की जांच करेंगे. मालूम हो कि अगस्त में गुजरात के ही अहमदाबाद के चार मंजिला एक निजी अस्पताल की सबसे ऊपर की मंजिल पर आग लगने से कोविड-19 से पीड़ित आठ मरीजों की मौत हो गयी थी.
केंद्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल ने कहा- शनिवार को बैठक करेंगे केंद्रीय गृह सचिव
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को आश्वस्त किया कि केंद्रीय गृह सचिव शनिवार तक बैठक आयोजित करेंगे और देश भर के सरकारी अस्पतालों के लिए अग्नि सुरक्षा निर्देश जारी करेंगे. न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आरएस रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने देश भर में संक्रमण के बढ़ते मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि राज्यों को हालात का मुकाबला करना होगा और कोविड-19 महामारी के हालात से निबटने के लिए राजनीति से ऊपर उठना होगा.
पीठ ने कहा कि अब वक्त आ गया है, जब देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए नीतियां, दिशा-निर्देश और मानक संचालन प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं. मेहता ने पीठ से कहा कि कोविड-19 की मौजूदा लहर पहले से अधिक कठोर प्रतीत हो रही है और वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण के 77 प्रतिशत मामले 10 राज्यों से हैं. इस पर पीठ ने कहा कि हालात के निपटने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए एक दिसंबर की तारीख मुकर्रर की.
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