इजरायल और बहरीन के साथ अब्राहम समझौता करने के बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अब अपने करीबी दोस्त पाकिस्तान को छोड़कर भारत की तरफ बढ़ता नजर आ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह की भी अटकलें हैं कि यूएई के साथ ही साथ सऊदी अरब साम्राज्य (केएसए) से पाकिस्तानी प्रवासियों को भी बाहर निकाला जाने वाला है। दोनों की तरफ से इजरायल को दोस्त मानने के लिए पाकिस्तान पर दबाव डाला जा रहा है। पाकिस्तान इसे स्वीकार नहीं कर रहा है।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिका पर आरोप लगा चुके हैं कि वह इजरायल को मान्यता देने के लिए दबाव डाल रहा है। इमरान खान ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘जब तक ऐसा कोई समझौता नहीं हो जाता जिससे फिलिस्तीन संतुष्ट हो, तब तक इजरायल को मान्यता देने के बारे में मैं सोच भी नहीं सकता। उन्होंने कहा कि इजरायल में अमेरिका का गहरा प्रभाव है।

पिछले हफ्ते, भारत की तरफ यूएई का बढ़ता रुझान उसके इस फैसले से और स्पष्ट हो गया था, जब उसने अपने देश में पाकिस्तानी नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। यह रोक तो कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के नाम पर लगाई थी। लेकिन पाकिस्तान के साथ जिन और 11 देशों के खिलाफ इस तरह का फैसला किया गया था, वो सारे ऐसे देश हैं जिन्होंने इजरायल को मान्यता नहीं दी है।

रिपोर्टों से पता चलता है कि पाकिस्तान और खाड़ी देशों के बीच एक दूसरे के साथ असहज की स्थिति पैदा हो गई है। यूएई ने अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद इसके और भी बढ़ने के आसार हैं। अगस्त में भारतीय विदेश मंत्रालय ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजरायल के बीच संबंधों में पूर्ण सामान्यीकरण का स्वागत करते हुए कहा था कि दोनों देश नई दिल्ली के प्रमुख रणनीतिक साझेदार हैं।