अर्नब गोस्वामी को विशेषाधिकार हनन मामले में भी घेरने की कोशिश, सख्‍त कार्रवाई की मांग

रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को विशेषाधिकार हनन मामले में भी घेरने की कोशिशें तेज हो गई हैं। गुरुवार को इस संबंध में विशेषाधिकार समिति की एक बैठक विधानसभा में हुई, जिसमें अर्नब के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई।शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने सात सितंबर को विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया था। गुरुवार को विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष दीपक केसरकर ने प्राथमिक चर्चा के लिए बैठक बुलाई।

विधानसभा में हुई विशेषाधिकार समिति की बैठक 

बैठक के बाद सरनाईक ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि अर्नब ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राज्य के मंत्रियों एवं सत्ताधारी दलों के नेताओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। इसलिए मैंने उनके खिलाफ विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया है। इस संबंध में महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय की तरफ से अर्नब को सात बार नोटिस भेजा जा चुका है। लेकिन, वे विशेषाधिकार हनन समिति के सामने पेश नहीं हुए हैं।

अर्नब के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई

गुरुवार की बैठक में मैंने प्रस्ताव रखा कि सात बार नोटिस भेजने के बावजूद समिति के सामने न आना विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले के विशेषाधिकार का हनन है। इसलिए अर्नब के विरुद्ध एक और विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया जाना चाहिए। नोटिस का जवाब नहीं देने के कारण भी उन पर जल्द-से-जल्द सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। दूसरी ओर, भाजपा के विधायक राम कदम ने अर्नब की गिरफ्तारी के विरोध में राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मिलकर उन्हें ज्ञापन दिया। महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने अर्नब की गिरफ्तारी के मामले में रायगढ़ के एसपी को तलब किया है। एक वकील आदित्य मिश्र ने अर्नब की गिरफ्तारी के खिलाफ महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग में एक याचिका दायर की थी और इस मामले पर तत्काल विचार करने का निवेदन किया था। इस पर मानवाधिकार आयोग ने एसपी रायगढ़ को शुक्रवार सुबह 11 बजे सभी कागजात के साथ अपने समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया। महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग का एक नोटिस मुंबई पुलिस के जोन-3 उपायुक्त को भी भेजा गया है। अर्नब को आत्महत्या के लिए उकसाने के दो साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार किया गया है।