
बंगाल के मुख्य सचिव बंद्योपाध्याय ने लिया VRS, ममता ने बनाया अपना विशेष सलाहकार
बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय ने रिटायरमेंट ले लिया। 31 मई को ही उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा था जो तीन माहके लिए बढ़ाया गया था। उन्हें केंद्र सरकार ने वापस बुला लिया था लेकिन वे नहीं गए। ममता ने उन्हें विशेष सलाहकार नियुक्त किया है।
केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच जारी रस्साकसी के बाद बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय ने सोमवार को रिटायरमेंट ले लिया। 31 मई को ही उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा था, जो तीन महीनों के लिए बढ़ाया गया था। उन्हें केंद्र सरकार ने वापस बुला लिया था, लेकिन वे नहीं गए। अब ममता बनर्जी ने उन्हें अपना विशेष सलाहकार नियुक्त किया है। साथ ही, आइएएस अफसर हरिकृष्ण द्विवेदी को मुख्य सचिव और वीपी गोपालिका को गृह सचिव नियुक्त कर दिया। सोमवार की शाम को राज्य सचिवालय नवान्न में बैठकों के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह घोषणा की और जमकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि ऐसा निर्मम प्रधानमंत्री कभी नहीं देखा।
गौरतलब है कि बंगाल काडर के 1987 बैच के आइएएस अधिकारी बंद्योपाध्याय 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 31 मई को रिटायर होने वाले थे। हालांकि, केंद्र से मंजूरी के बाद उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया था। सेवा विस्तार दिए जाने के सिर्फ चार दिन बाद ही केंद्र सरकार ने उनकी सेवाएं मांगी। ममता सरकार से कहा गया कि अपने मुख्य सचिव को तुरंत कार्यमुक्त करे। तृणमूल कांग्रेस सरकार ने इस कदम को जबरन प्रतिनियुक्ति करार दिया है। अलापन को 31 मई की सुबह 10 बजे से पहले से केंद्र सरकार को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था। मगर बंद्योपाध्याय की जगह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चिट्ठी केंद्र को मिली। ममता ने कहा कि ऐसे मुश्किल समय में बंगाल की सरकार अपने मुख्य सचिव को कार्यमुक्त नहीं कर सकती। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि ममता के इस रुख के बाद कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग अलापन के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। ममता ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। इससे पहले सुबह ही बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को कार्यमुक्त करने व दिल्ली भेजने से इन्कार कर दिया था। ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बाबत पत्र लिखकर साफ कहा है कि बंगाल सरकार ऐसे मुश्किल दौर में अपने मुख्य सचिव को कार्यमुक्त नहीं कर सकती है।
केंद्र ने 28 मई को राज्य सरकार को पत्र लिखकर मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को कार्यमुक्त करने का अनुरोध किया था। साथ ही, अलापन को 31 मई की सुबह 10 बजे तक दिल्ली में कार्मिक मंत्रालय में रिपोर्ट करने को कहा गया था। वहीं, ममता ने पीएम को लिखे पत्र में कहा, ‘बंगाल सरकार ऐसी मुश्किल घड़ी में अपने मुख्य सचिव को रिलीव नहीं कर सकती और न ही ऐसा कर रही है।’ ममता ने पीएम से केंद्र के इस फैसले को वापस लेने, पुनर्विचार करने और आदेश को तत्काल रद करने का अनुरोध किया है। वह सोमवार को राज्य सचिवालय नवान्न में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व हुई बैठक में शामिल हुए। बैठक में यास चक्रवात और कोरोना महामारी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक के राज्य के विभिन्न विभागों के सचिव भी शामिल हुए।
24 मई को बढ़ाया गया था बंदोपाध्याय का कार्यकाल
गौरतलब है कि केंद्र ने बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश चक्रवात यास पर पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक में देर से पहुंचने के कुछ घंटों के बाद दिया था। 31 मई को ही बंद्योपाध्याय मुख्य सचिव पद से रिटायर्ड हो रहे थे, लेकिन राज्य में कोविड-19 महामारी से निपटने में मदद के लिए राज्य सरकार के अनुरोध पर 24 मई को बंद्योपाध्याय का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ाने का आदेश जारी किया गया था। इस बीच केंद्र ने उन्हें दिल्ली बुला लिया।
कानून जानकारों ने जताई थी आशंका
इधर, कानून के जानकारों ने आशंका जताई थी कि केंद्र के लिए बंगाल के मुख्य सचिव को सेवानिवृत्त होने के दिन दिल्ली बुलाने के आदेश का पालन मुश्किल हो सकता है। जानकारों का कहना था कि राज्य सरकार अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए उन्हें कार्यमुक्त करने से इनकार कर सकती है।
जानें, क्या कहता है नियम
अखिल भारतीय सेवा के अधिकरियों की प्रतिनियुक्ति के नियम 6 (1) के तहत किसी राज्य के काडर के अधिकारी की प्रतिनियुक्ति केंद्र या अन्य राज्य या सार्वजनिक उपक्रम में संबंधित राज्य की सहमति से की जा सकती है। भारतीय प्रशासनिक सेना (काडर) नियम-1954 के तहत, कोई असहमति होने पर मामले पर निर्णय केंद्र सरकार और राज्य सरकार कर सकती है या संबंधित राज्य सरकार केंद्र सरकार के फैसले को प्रभावी कर सकती है।
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