21वीं सदी में भी महिलाओं को दहेज जैसी बुराइयों का सामना करना पड़ रहा है। गुजरात में बीते 3 साल में 178 महिलाओं की दहेज के कारण हत्या कर दी गई। गुजरात विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक के सवाल पर गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने बताया कि पिछले 3 सालों में गुजरात में करीब 178 दहेज हत्या के मामले दर्ज किए गए इनमें सबसे अधिक सूरत में 53 मामले सामने आए।

अहमदाबाद में  49 युवती चढ़ी दहेज की बलि

दहेज हत्या मामलों में पुलिस अब तक 529 आरोपियों की गिरफ्तारी कर चुकी है जबकि 12 आरोपी फरार बताए जा रहे हैं। सूरत के बाद अहमदाबाद में सबसे अधिक 49 युवतियों को दहेज की बलिवेदी पर चढ़ा दिया गया। इसके अलावा दहेज हत्याओं में सुरेंद्र नगर 26 बनासकांठा 11 पाटन 4 मोरबी 8 वडोदरा 6 मेहसाणा जिले के मामले दर्ज किए गए।

अहमदाबाद तथा सूरत से सबसे अधिक मामले 

गुजरात शिक्षित आधुनिक व प्रगतिशील राज्यों में शुमार करता है लेकिन दहेज हत्या जैसी सामाजिक बुराई से अभी भी यह ग्रस्त है इसका जीता जागता नमूना विधानसभा में पेश किया आंकड़े हैं। आत्महत्याओं के मामले में भी गुजरात पीछे नहीं है। गुजरात में पिछले 5 साल में आत्महत्या के 749 मामले दर्ज किए गए इसके अलावा 214 आत्महत्या के प्रयास के मामले गुजरात में पिछले 5 साल में दर्ज किए गए इनमें अहमदाबाद तथा सूरत में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं।

गृह क्लेश के कारण आती है ऐसी घटनाएं सामने

विधानसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ अनिल जोशीयारा ने यह मामला उठाया था। राज्यमंत्री जाडेजा ने इसके जवाब में बताया कि मानसिक बीमारी आर्थिक रूप से तंगी प्रेम संबंध पारिवारिक कारणों तथा गृह क्लेश के कारण इस तरह की घटनाएं सामने आती है। आत्महत्या के मामले पिछले 6 साल से अनवरत जारी हैं 2015-16 में 146 मामले दर्ज हुए थे तो 2017- 18 में 155 तथा 2019- 20 में 135 मामले दर्ज किए गए।