बच्‍चों को कब, कैसे और किस उम्र में देनी चाहिए सेक्‍स एजुकेशन

भारत में सेक्‍स शब्‍द आते ही लोग अपनी निगाहें झुका लेते हैं लेकिन आज के समय में हमारे लिए यह समझना जरूरी है कि बच्‍चों को सेक्‍स एजुकेशन देना कोई गलत बात नहीं है बल्कि इससे उनके सही विकास और परवरिश में मदद मिलती है।

अपने बच्‍चों को सेक्‍स एजुकेशन के बारे में बताने में अब भी कई पेरेंट्स हिचकिचाहट महसूस करते हैं और इस वजह से वो अपने बच्‍चों से इस बारे में बात ही नहीं कर पाते हैं। इसके कारण आगे चलकर बच्‍चों को कई तरह की समस्‍याएं हो सकती हैं।

दोस्‍तों, इंटरनेट या टीवी पर बच्‍चे सेक्‍स का नाम सुनते ही हैं। सबसे पहले तो आपको ये सुनिश्चित करना है कि बच्‍चे सही जानकारी लें और उन्‍हें ये एहसास हो कि उनकी इस जानकारी लेने के विषय में उनके पेरेंट्स क्‍या सोचते हैं।

जब बच्‍चों को अच्‍छी सेक्‍स एजुकेशन दी जाती है तो इससे उनके कम उम्र में सेक्‍स करने की संभावना कम होती है और जब वो ऐसा करते भी हैं तो उन्‍हें सुरक्षित यौन संबंध बनाने और यौन संचारित संक्रमणों के बारे में जानकारी होती है।

इस उम्र में बच्‍चों का यौन शोषण आसानी से किया जा सकता है लेकिन बच्‍चों को सेक्‍स एजुकेशन के बारे में बताकर आप उन्‍हें शोषण से बचा सकते हैं। इस उम्र के बच्‍चों को शरीर के सभी अंगों के नाम और कार्यों के बारे में बताएं। बच्‍चों को गुड और बैड टच के बारे में समझाएं। उन्‍हें बताएं कि बाहर जाने पर कब उन्‍हें अपने प्राइवेट पार्ट्स को नहीं छूना है।