जानें- सबसे पहले टीका लगवाने वाले मनीष कुमार ने लोगों से की क्या अपील

दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सफाई कर्मचारी मनीष कुमार को शनिवार को पहला टीका लगाया गया। ऐसे में वह दिल्ली के पहले शख्स बन गए हैं, जिन्हें कोरोना का पहला टीका लगाया गया। टीका लगवाने के बाद अपना अनुभव बताते हुए मनीष कुमार ने कुछ इस तरह बताया। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के टीके को लगवाने से लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। एम्स में टीका लगवाने के दौरान मन में पहले से जो भय था वह गायब हो गया। मनीष ने लोगों से गुजारिश की है कि वे कोरोना का टीका जरूर लगवाएं। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में सफाई कर्मचारी मनीष कुमार ने कहा कि टीका लगवाने के दौरान मेरा अनुभव काफी अच्छा रहा। टीका लगने के बाद भी मैं अपने देश की सेवा करता रहूंगा।

इस दौरान एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया और केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री हर्ष वर्धन भी मौजूद रहे। इस दौरान नीति आयोग के सदस्य  डॉ. वीके पॉल और एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी टीका लगवाया। आरएमएल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राणा अनिल कुमार सिंह ने कहा कि कोविशील्ड व कोवैक्सीन ये दोनों टीके पहले से स्थापित तकनीक से बनाए गए हैं। दोनों टीकों का ट्रायल हुआ है। जिसमें ये सुरक्षित पाए गए हैं, इसलिए टीके पर कोई संदेह नहीं है। चेचक व पोलियों जैसी बीमारी टीका से ही खत्म हुआ है।

कोरोना से भारत सहित पूरी दुनिया परेशान है। टीका उस घातक वायरस के खिलाफ ब्रह्मास्त्र साबित होगा। इसलिए टीका लगाना जरूरी है। ताकि इसका फायदा मिल सके। इसका फायदा यह है कि टीका लगाने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी तो अपनी सुरक्षा के साथ-साथ परिवार के दूसरे सदस्यों को भी संक्रमण होने का खतरा नहीं होगा, इसलिए किसी को टीके पर संदेह नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह भी शनिवार को टीका लेंगे।

पीएसआरआइ अस्पताल के घुटना व कूल्हा प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. गौरव प्रकाश भारद्वाज ने कहा कि टीका लगने से संक्रमण की रोकथाम जल्द हो सकेगी। ट्रायल में दोनों टीकों का खास दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है। टीका संक्रमण से बचाव में हो सकता है कि 70 फीसद ही प्रभावी हो फिर भी टीका लेने से काफी फायदा मिलेगा, इसलिए टीका लेने का फैसला किया है।

टीका लगने के बाद निडर होकर इलाज कर सकेंगे डॉक्टर

इंडियन स्पाइन इंजरी सेंटर के स्पाइन सर्जन डॉ. बी मोहपात्रा ने कहा कि यह जानकार खुशी हुई कि पहले दिन टीकाकरण के लिए उनका नाम आया है। मन में थोड़ा डर तो है, लेकिन टीकों के बारे में जितनी जानकारी है उसके अनुसार टीका लगने के बाद यदि संक्रमण होता भी है तो उसकी गंभीरता बहुत कम होगी। इसके अलावा टीका लगाने के बाद डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी निडर होकर इलाज कर सकेंगे। इसलिए पहले स्वास्थ्य कर्मियों को टीका उपलब्ध करने का फैसला अच्छा है।