अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) को मुंबई पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने अर्नब गोस्वामी को दो साल पुराने इंटीरियर डिजाइनर की आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार किया है। पिछले दिनों इस मामलें में फिर से जांच के आदेश दिए गए थे। रिपब्लिक टीवी के संपादक की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। कुछ दिनों पहले ही अर्नब पर फर्जी टीआरपी का आरोप लगा था। हिरासत में लिए जाने के बाद अर्नब ने मुंबई पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। अर्नब का कहना है कि पुलिस ने उनके साथ-साथ घर के अन्य सदस्यों सास-ससुर, बेटे और पत्नी के साथ भी मारपीट की है। रिपब्लिक टीवी ने अर्नब के घर के लाइव फुटेज भी दिखाए, जिसमें पुलिस और अर्नब के बीच झड़प होती दिख रही है। एक वीडियो में अर्नब गोस्वामी पुलिस की वैन में पुलिस द्वारा ले जाते हुए कहा रहे हैं- मुझे पुलिस ने पीटा है…!
अर्नब गोस्वामी को हिरासत में लिए जाने पर राजनीति भी शुरू हो गई है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुंबई में प्रेस-पत्रकारिता पर जो हमला हुआ है वह निंदनीय है। यह इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्यवाही है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं। सोनिया गांधी और राहुल गाँधी के नेतृत्व में काम कर रही कांग्रेस अभी भी आपातकालीन मनस्तिथि में है। इसी का सबूत आज महाराष्ट्र में उनकी सरकार ने दिखाया है। लोग ही इसका लोकतांत्रिक जवाब देंगे।’
मुंबई पुलिस के अधिकारी ने बताया कि अलीबाग पुलिस ने अर्नब गोस्वामी को हिरासत में लिया है। बता दें कि साल 2018 में एक एक इंटीरियर डिजाइनर और उसकी मां ने आत्महत्या कर ली थी। अधिकारी के मुताबिक, अर्नब पर आरोप है कि उन्होंने इंटीरियर डिजाइनर की कथित बकाया राशि का भुगतान नहीं किया था, जिस वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली थी
#WATCH Republic TV Editor Arnab Goswami says, "I have been beaten by the police" as he is brought to Alibaug Police station pic.twitter.com/nprtQqx5mr
— ANI (@ANI) November 4, 2020
ये है इंटीरियर डिजाइन आत्महत्या मामला
अर्नब गोस्वामी को जिस मामले में हिरासत में लिया गया है, वो दरअसल साल 2018 का है। अलीबाग में 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक ने मई 2018 में आत्महत्या कर ली थी। तब पुलिस को जांच करते हुए घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला था। इस सुसाइड नोट में कथित तौर पर कहा गया कि अर्नब गोस्वामी और दो अन्य लोगों ने उन्हें 5.40 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया। इस कारण उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई। अब आत्महत्या करने के अलावा उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है, इसलिए वो ये कदम उठा रहे हैं।
अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी की एडिटर्स गिल्ड ने की निंदा
संपादकों की संस्था एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने अर्णब गोस्वामी के गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। गिल्ड ने कहा है कि हम अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा करते है। साथ ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि गोस्वामी के साथ उचित व्यवहार किया जाए। मीडिया द्वारा महत्वपूर्ण रिपोर्टिंग के खिलाफ राज्य शक्ति का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
इंटीरियर डिजाइन की बेटी अदन्या नाइक की फिर से की गई शिकायत के आधार पर इस साल मई में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मामले की जांच फिर करने की घोषणा की थी।
फर्जी टीआरपी मामले में भी फंस सकते हैं अर्नब
बता दें कि फर्जी टीआरपी मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने दो संदिग्धों के घरों की तलाशी ली है। इनके पास से तलाशी के बाद क्राइम ब्रांच को लैपटॉप, पेन ड्राइव और 13 लाख 20 हजार रुपये मिले हैं। पुलिस के मुताबिक, रेड में मिली इन चीजों को वे फरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। इस छापेमारी के आधार पर अर्नब के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। सूत्रों की मानें तो इस छापेमारी में पुलिस के हाथ कुछ अहम सुबूत लगे हैं।